हाईकोर्ट : नक्सल ऑपरेशन में शामिल प्रधान आरक्षक को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का आदेश

रायपुर 10 सितंबर 2023। पुरानी पुलिस लाईन, कबीरधाम निवासी ओमप्रकाश पटेल जिला कबीरधाम में प्रधान आरक्षक (हेड कॉन्सटेबल) के पद पर पदस्थ है। सेवा काल के दौरान वर्ष 2018 में वे अपनी पुलिस टीम के साथ ग्राम-घूमकर जंगल, पुलिस थाना-तरेगांव, जिला कबीरधाम में वर्ष 2018 में एक नक्सलाईड ऑपरेशन में अपनी जान को जोखिम में डालकर नक्सलियों को मारा था एवं काफी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद बरामद किया था।

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उक्त नक्सलाईड ऑपरेशन के बावजूद भी ओमप्रकाश पटेल को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन प्रदान ना किये जाने से क्षुब्ध होकर ओमप्रकाश पटेल द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन 1861 के रेगुलेशन 70 में यह प्रावधान है कि यदि कोई पुलिस अधिकारी/कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर किसी नक्सलाईड ऑपरेशन में शामिल होकर अत्यन्त दीरता एवं साहसपूर्ण कार्य करता है तो उसे उच्च पद पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन प्रदान किया जाएगा।

चूंकि याचिकाकर्ता द्वारा वर्ष 2018 में ग्राम घूमाछापर जंगल, पुलिस थाना-तरेगांव, जिला-कदीरधाम में एक नक्सलाईड ऑपरेशन में शामिल होकर नक्सलियों को मार गिराया था एवं काफी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया था इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक के पद पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन प्रदान नहीं किया गया। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् शासकीय अधिवक्ता को यह निर्देशित किया गया कि दे उक्त तथ्य की सूक्ष्मता से जांच करें एवं यदि जांच के पश्चात यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता ए.एस.आई. पद पर प्रमोशन का पात्र है तो उसे तत्काल सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) के पद पर प्रमोशन प्रदान करें।

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